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गोमेद मणि भस्म एवं गोमेद मणि पिष्टी

गोमेद मणि भस्म एवं गोमेद मणि पिष्टी

Gomed Mani Bhasma (Gomed Mani Pishti)

गोमेद मणि भस्म और गोमेद मणि पिष्टी का निर्माण गोमेद पत्थर से किया जाता है। दोनों के एक ही समान लाभ और औषधीय उपयोग होते हैं, लेकिन गोमेद मणि भस्म की तुलना में गोमेद मणि पिष्टी में अधिक सौम्य गुण हैं। गोमेद मणि भस्म को आग में तपा कर भस्म बनायी जाती है, जो इसके अवशोषण को भी बढ़ाता है। कफ-पित्त के मामलों में, गोमेद मणि भस्म अधिक उपयोगी है, लेकिन निरम पित्त मामलों में, गोमेद मणि पिष्टी अधिक लाभदायक है। यदि एक अनुपलब्ध है तो दोनों को एक दूसरे के स्थान पर उपयोग किया जा सकता है।

गोमेद पत्थर पिष्टी और गोमेद मणि भस्म को तंत्रिका संबंधी विकारों और हृदय रोगों के लिए प्रयोग किया जाता है। तंत्रिका संबंधी विकारों में यह मिर्गी, पक्षाघात, पागलपन और अनिद्रा के मामलों में सहायक होता है। ह्रदय रोगों में, ह्रदय की घबराहट और हृदय अतालता (ह्रदय की धड़कन की समस्याओं) में विशेष रूप से हृदक्षिपता में लाभदायक होता है। गोमेद पत्थर सीने में दर्द और चक्कर में भी राहत देता है।

मूलभूत जानकारी

चिकित्सा श्रेणीभस्म & पिष्टी

दोष प्रभावपित्त (PITTA) और कफ (KAPHA) को शांत करता है

संभावित क्रियाएडाप्टोजेन

मुख्य संकेततंत्रिका संबंधी विकार और हृदक्षिपता

अंग विशेष पर प्रभावमस्तिष्क, नसें और ह्रदय

सुरक्षा प्रोफाइलसंभवतः सुरक्षित

खुराक30 मिलीग्राम से 125 मिलीग्राम

सर्वश्रेष्ठ सहायकमलाई या शहद, घी, मक्खन Ghee (clarified butter), Butter

शेल्फ जीवनजितना पुराना उतना अच्छा

घटक द्रव्य (संरचना)

गोमेदमणि भस्म और गोमेद पिष्टी को गोमेद रत्न से बनाया जाता है। इसे गुलाब जल या चंदनादि अर्क से संसाधित किया जाता है।

गोमेद की रासायनिक संरचना

गोमेद पत्थर कैल्शियम एल्यूमीनियम सिलिकेट से बना है। इसके बारे में संक्षिप्त जानकारी निम्न तालिका में है:

रासायनिक नामकैल्शियम एल्यूमिनियम सिलिकेट

रासायनिक सूत्रCa3 Al 2 (SiO4)3

विशिष्ट गुरुत्व3.65

अपवर्तक सूचकांक1.742 से 1.748

औषधीय कर्म (Medicinal Actions)

गोमेदमणि भस्म और गोमेद पिष्टी में निम्नलिखित औषधीय गुण हैं:

  1. प्रबल शांतिदायक

  2. अवसादरोधी

  3. मस्तिष्क की शक्तिवर्धक औषध – मस्तिष्क का पोषण करता है

  4. ह्रदय की शक्तिवर्धक औषध – ह्रदय का पोषण करता है

  5. अडाप्टोजेनिक

  6. बुद्धिमत्ता में सुधार

  7. पाचन उत्तेजक

  8. क्षमता – वीर्य: शीत

चिकित्सीय संकेत

गोमेदमणि भस्म और गोमेद पिष्टी स्वास्थ्य की निम्नलिखित स्थितियों में लाभदायक है:

  1. चिंता

  2. अवसाद

  3. मिर्गी

  4. सिरदर्द

  5. विखंडित मनस्कताग्रस्त

  6. अनिद्रा

  7. स्मरण शक्ति की क्षति

  8. मानसिक कमजोरी

  9. अभिघात के बाद का तनाव विकार

  10. ह्रदय की घबराहट

  11. उच्च रक्तचाप

  12. हृदक्षिपता

  13. थकान

  14. चेहरे पर पक्षाघात

  15. पक्षाघात

  16. बालों का झड़ना

  17. कैंसर

  18. आँखों का आवर्ती संक्रमण

  19. बवासीर

गोमेद पिष्टी और भस्म के लाभ और औषधीय उपयोग

गोमेदमणि भस्म और गोमेद पिष्टी का मुख्य प्रभाव मस्तिष्क, मन, हृदय, रक्त वाहिकाओं और त्वचा पर देखा जा सकता है।

तनाव विकार, अवसाद और चिंता

गोमेद पिष्टी और भस्म सभी प्रकार के तनाव विकारों, अवसाद, चिंता और क्रोध सहित सभी मानसिक विकारों में लाभदायक है। यह पित्त प्रकोप को शांत करता है और निम्न लक्षणों को कम करता है:

  1. कुंठा

  2. गुस्सा

  3. स्वयं को नुकसान पहुंचाने का विचार

  4. आत्मघाती विचार

  5. निद्रा संबंधी परेशानियां

  6. अत्यधिक चिंतन

  7. व्याकुलता

  8. बेचैनी

  9. घबराहट

  10. आक्रामक व्यवहार

  11. पसीना आना

हालांकि, गोमेद पिष्टी और भस्म का सबसे अच्छा उपयोग निम्न संयोजन में मुक्ता-पिष्टी के साथ है:

अवसाद के लिए उपायमात्रा

गोमेद पिष्टी या भस्म125 मिलीग्राम *

मुक्ता पिष्टी या भस्म – Mukta Pishti or Bhasma125 मिलीग्राम *

मुलेठी – Mulethi (Yashtimadhu)500 मिलीग्राम *

शंखपुष्पी – Shankhpushpi (Convolvulus Pluricaulis)500 मिलीग्राम *

जटामांसी – Nardostachys Jatamansi500 मिलीग्राम *

मण्डूकपर्णी – Centella Asiatica500 मिलीग्राम *

* दिन में दो बार गाय के दूध या पानी के साथ

मिर्गी

मिर्गी विकार वाले रोगियों के लिए गोमेद पत्थर पिष्टी या भस्म बहुत लाभदायक है। यह मिर्गी के दौरों की आवृत्ति कम करता है। मिर्गी में इसका उपयोग अभ्रक भस्म के साथ इस प्रकार किया जाता है।

मिर्गी के लिए उपायमात्रा

गोमेद पिष्टी या भस्म125 मिलीग्राम *

अभ्रक भस्म – Abhrak bhasma125 मिलीग्राम *

जटामांसी – Nardostachys Jatamansi1000 मिलीग्राम *

* दिन में दो बार पानी के साथ

हृदक्षिपता

हृदक्षिपता में गोमेद भस्म या पिष्टी सहायक है। यह हृदय की मांसपेशियों को ताकत प्रदान करता है। यह ह्रदय की धड़कनों को नियंत्रित करने वाले विद्युत आवेगों को सामान्य रखने का काम करता है। हालांकि, गोमेद पिष्टी या भस्म अकेले ही कुशलतापूर्वक काम कर सकता है, लेकिन इसकी क्रिया को बढ़ाने के लिए मुक्ता-पिष्टी के साथ इसका निम्नलिखित संयोजन अधिक लाभदायक है।

हृदक्षिपता के लिए उपायमात्रा

गोमेद पिष्टी या भस्म125 मिलीग्राम *

मुक्ता पिष्टी या भस्म – Mukta Pishti or Bhasma125 मिलीग्राम *

अभ्रक भस्म – Abhrak bhasma125 मिलीग्राम *

अर्जुन की छाल का चूर्ण500 मिलीग्राम *

जटामांसी – Nardostachys Jatamansi1000 मिलीग्राम *

* दिन में दो बार पानी के साथ

मात्रा एवं सेवन विधि

गोमेद पत्थर पिष्टी या भस्म के लिए खुराक तालिका

शिशु5 से 10 मिलीग्राम *

बच्चे30 से 60 मिलीग्राम *

वयस्क60 से 250 मिलीग्राम *

गर्भावस्थासे बचने के लिए सर्वश्रेष्ठ

वृद्धावस्था60 से 125 मिलीग्राम *

अधिकतम संभावित खुराक (प्रति दिन या 24 घंटों में)750 मिलीग्राम (विभाजित मात्रा में)

* दिन में दो बार मलाई या शहद, घी Ghee (clarified butter), मक्खन (Butter) के साथ

सुरक्षा प्रोफाइल

यदि गोमेद पत्थर पिष्टी या भस्म का उपयोग चिकित्सीय देखरेख में किया जाए तो यह संभवतः सुरक्षित है।

दुष्प्रभाव

यदि गोमेद पिष्टी और ​​भस्म का उपयोग लगातार 3 महीने तक, दिन में दो बार, 250 मिलीग्राम से कम मात्रा में किया जाए तो कोई दुष्परिणाम नहीं देखा गया है।

विपरीत संकेत

गोमेद पत्थर पिष्टी या भस्म के कोई विपरीत संकेत नहीं हैं।

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